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एक विरासत अग्रणी

श्री हरिगोपाल भाटिया

गुजरात में सर्वप्रथम हिन्दी माध्यम की शाला के प्रणेता एवं हिन्दी हाईस्कूल के स्थापक ऐसी महान विभूति आदरणीय श्री हरिगोपालजी भाटिया थे। व्यापारी होते हुए भी तन, मन और धन से संस्था की प्रगति में जीवन के अंतिम क्षण तक अविरत योगदान देते रहे। कुशाग्र बुद्धि, नेकदिल, पथ प्रदर्शक, प्रेरक बल, परोपकारिता, उदार, सहृदयी, प्रसन्नचित व्यक्तित्व एवं मिलनसार स्वभाव के धनी आदरणीय भाटियाजी वटवृक्ष की छाया प्रदान करते रहे।

आपके सिद्धान्त हमें कदम-कदम पर प्रेरणा देते रहेंगें। आपका मार्गदर्शन हमारे लिए आदर्श हैं। आपके चरणों में कोटि-कोटि वंदन तथा नमन।

श्री गोरधनदास गुप्ता

गुजरात में हिन्दी का दीपक जलाने वाले स्व. श्री गोरधनदास गुप्ता का नाम हिन्दी समाज में बडे आदर के साथ लिया जाता है। उनकी ऐतिहासिक उल्लेखनीय सेवाओं का लाभ हिन्दी भाषा-भाषी लोगों के लिए एक वरदान है। वे आज हमारे बीच में नहीं हैं परन्तु उनका जीवन एक समाज सुधारक, दीर्घ दृष्टा के तौर पर हमें पल-पल सत्कर्मों की प्रेरणा देता रहेगा। हम उनके आदर्शों का पालन करते रहेंगें। सही माने में यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उनके कार्य सदैव ध्रुव तारे के समान हमें राह दिखाते रहेंगें।

उनके द्वारा अपनाए गए संगठन शक्ति मसाल, उनकी समाज को अर्पित की गई सेवाएँ तथा उनके उच्च विचार और आदर्श हमारे लिए वर्तमान और भविष्य के आदर्श बने रहेंगें। हम आपके चरणों में नत मस्तक हैं।

श्री न.रा. मुकादमजी

आपके सिद्धांत और संस्कारों में से प्रेरणा लेकर जीवन को प्रगति-पंथ पर ले जाएँ ऐसे आशीर्वाद हमारे साथ रहे ऐसी अपेक्षा के साथ आप के दिव्य आत्मा को चिरशांति प्राप्त हो ऐसी हार्दिक श्रद्धांजलि के साथ..

श्री श्रीकिशनजी अग्रवाल

श्री अहमदाबाद हिन्दी शिक्षण समिति ट्रस्ट के प्रारंभिक काल से जुड़े श्री श्रीकिशनजी अग्रवाल का अहमदाबाद के अग्रवाल समाज में अग्रणी होने के नाते एक अलग ही रूतबा रहा। अहमदाबाद की सुविख्यात न्यु स्वदेशी मिल के वे डायरेक्टर थे एवं कपड़ा व्यवसायियों एवं श्रेष्ठीयों में वे अग्रणी थे, धार्मिक प्रवृत्ति के पढ़े लिखे व्यक्ति थे और अहमदाबाद की लगभग तमाम मारवाड़ी संस्थाओं से वे संस्थापक सदस्यों में से एक होने के नाते अग्रणी व्यक्तित्व के धनी थे। विद्यालय ट्रस्ट एवं विद्यालय से वे अपने अंत समय तक जुड़े रहे। उनकी अनन्य सेवाओं को अहमदाबाद का अग्रवाल समाज एवं विभिन्न संस्थाएं कभी भी भूला नहीं पाएगी। अपने जीवनकाल में वे काफी मृदुभाषी एवं शांत प्रकृति के व्यक्ति रहे।

श्री ओमप्रकाशजी भाटिया

दिवंगत हरिगोपालजी भाटिया के छोटे भाई एवं पंजाबी समाज के वे अग्रणी व्यक्ति थे। विद्यालय ट्रस्ट एवं विद्यालय की उन्होंने श्री हरिगोपालजी भाटिया के पश्चात ट्रस्टी पद पर रहते हुए कई वर्षों अपनी सेवाएं अपने अंतिम समय तक प्रदान करी। मृदुभाषी एवं शांत प्रकृति उनके व्यक्तित्व की विशेषता रही।

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